Tuesday, 3 April 2012

मनोनुकूल विवाह हेतु
किसी महिने की त्रयोदशी के दिन पाँच चाँदी की डिब्बी में पाँच लौंग, पान के पत्ते के ऊपर शहद रखकर अपने पूजा स्थान में रख दें। ऐसा करने पर माँ चंचला की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। पुन:त्रयोदशी के दिन यह सामग्री दोहरा दे और पहले वाली सामग्री बहते पानी में बहा दें।
 शद्मरुह्म्ह्न
वास्तु में दक्षिण-पूर्व कोण को आग्रेय कोण होता है, यदि तहखना जनरेटर, ट्रांसफॉर्मर, मोटर आदि विद्युत उपकरण इस दिशा में लगाना उचित माना जाता हैं।
 

मुख-सौंदर्य
  • एक चम्मच शहद, थोड़ा-सा ज्वार का आटा तथा एक अण्डे की सफेदी में फेंटकर  इस लेप को चेहरे पर लगा लें। इसके दो घण्टे बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो डालें। कुछ ही दिन में ऐसा करने से चेहरा खिल जाता है।
  • पंसारी की दुकान से गुग्गल लें आयें। एक बड़ी डली को बारीक पीसकर, थोड़ा-सा दूध मिलाकर, एक बत्ती-सा बनाकर चेहरे पर मलने से रोयें झड़ जाते हैं।

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