मनोनुकूल विवाह
हेतु
किसी महिने की त्रयोदशी के दिन पाँच चाँदी की डिब्बी
में पाँच लौंग, पान के पत्ते के ऊपर शहद रखकर अपने पूजा स्थान में रख दें। ऐसा करने
पर माँ चंचला की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। पुन:त्रयोदशी के दिन यह सामग्री दोहरा दे
और पहले वाली सामग्री बहते पानी में बहा दें।
शद्मरुह्म्ह्न
वास्तु में दक्षिण-पूर्व
कोण को आग्रेय कोण होता है, यदि तहखना जनरेटर, ट्रांसफॉर्मर, मोटर आदि विद्युत उपकरण
इस दिशा में लगाना उचित माना जाता हैं।
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