Thursday, 29 March 2012
Sunday, 25 March 2012
फोल्डरों को डायरेक्ट्री भी
कहा जाता है। अगर फोल्डर न होते तो कंप्यूटर में लाखों फाइलें एक ही जगह
जमा हो जातीं और उनके बीच अपने मतलब की चीज ढूंढना बहुत मुश्किल हो जाता।
कंप्यूटर में हजारों किस्म की फाइलों का इस्तेमाल होता है। इनमें से कुछ
किन्हीं खास सॉफ्टवेयरों में ही बनती और खुलती हैं। कुछ दूसरी फाइलें
विंडोज जैसे ऑपरेटिंग सिस्टमों से जुड़ी होती हैं जैसे .sys और .com।
अलग फाइल, अलग सॉफ्टवेयर
हम मुश्किल से एकाध दर्जन किस्म की फाइलों को पहचानते हैं लेकिन असल में फाइलों की हजारों किस्में हैं। कुछ फाइलों में सिर्फ डेटा होता है, जैसे .txt फाइल और कुछ में डेटा के साथ-साथ उसकी फॉरमैटिंग से जुड़ी सूचनाएं भी होती हैं। अगर फाइल किसी खास सॉफ्टवेयर में खुलने वाली है तो इस सॉफ्टवेयर से जुड़ी निजी कमांड्स, एनक्रिप्शन, फीचर्स आदि से जुड़ी जानकारी भी उसके भीतर ही होगी। यही वजह है कि .doc एक्सटेंशन वाली फाइल जहां माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में झट से खुल जाती है, वहीं किसी दूसरे सॉफ्टवेयर में खोलने पर उसका सिर-पैर ही समझ नहीं आता।
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, पावरपॉइंट, पेंटब्रश, वर्ड पैड, नोट पैड आदि ऐसे ही सॉफ्टवेयर हैं। इन सभी सॉफ्टवेयरों को खुद भी फाइलों में ही रखा जाता है। इन्हें एक्जिक्यूटेबल फाइलें (exe) कहा जाता है।
अगर आपने अपने कंप्यूटर पर रखी फाइलों के नामों (जैसे myfile.doc) पर गौर किया हो, तो उनके नाम के बीच में एक बिंदु (डॉट) है। बिंदु से पहले संबंधित फाइल का नाम होता है और उसके बाद सॉफ्टवेयर से संबंधित फाइल एक्सटेंशन। हर सॉफ्टवेयर का अपना फाइल एक्सटेंशन होता है जो उसमें बनने वाली ज्यादातर फाइलों के नामों के अंत में लिखा होता है जैसे माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के लिए doc या docx.
फाइलें कैसी-कैसी
Gif, bmp, jpg, png, psd, tiff, cdr (चित्रों से संबंधित ये फाइलें पेंट ब्रश, फोटोशॉप, कोरल ड्रॉ आदि सॉफ्टवेयरों में खुलती हैं)
txt (नोट पैड या कोई और टेक्स्ट एडिटर)
rtf (वर्ड पैड)
pdf (एक्रोबैट)
htm, html (वेब पेज फाइलें)
asp, jsp, cf, php (वेब स्क्रिप्टिंग)
swf (फ्लैश एनिमेशन)
mdb (एक्सेस डेटाबेस)
xls (एक्सेल)
mpx, wav, midi, rm, wav, au (ऑडियो)
avi, mov, mpeg, wmv (विडियो)
zip, rar, 7zp (कम्प्रेस्ड फाइलें)
mdf (सीक्वल सर्वर)
ora (ओरेकल डेटाबेस)
ttf, otf, pfb, pfm (फॉन्ट फाइलें)
exe, com, bat (एक्जिक्यूटेबल प्रोग्राम फाइलें या सॉफ्टवेयरों के संचालन में इस्तेमाल होने वाली फाइलें)
फाइलों के कायदे
- एक ही नाम वाली दो फाइलें एक जगह नहीं रखी जा सकतीं। ठीक वैसे ही, जैसे एक नाम वाले दो फोल्डर एक साथ नहीं रह सकते।
- किसी फाइल का नाम विशेष अक्षर (प्रश्नवाचक चिन्ह, विस्मयादिबोधक, स्टार आदि) से शुरू नहीं हो सकता।
- फाइल के नाम की शुरुआत डॉट (.) से नहीं हो सकती और न ही अंत।
- फाइल का पूरा पाथ (ड्राइव नाम, फोल्डर नाम और फाइल नाम मिलाकर, जैसे C:\\myfolder\myfile.doc 260 अक्षरों से लंबा नहीं हो सकता।
- यूनिकोड सक्षम ऑपरेटिंग सिस्टमों में अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाओं में भी फाइलों और फोल्डरों के नाम रखे जा सकते हैं।
दो दमदार टूल
फाइल एक्सटेंशन लाइब्रेरी: इंटरनेट खोलते ही आपका पहला विकल्प तो स्वाभाविक रूप से गूगल, बिंग, याहू या कोई दूसरा सर्च इंजन ही होगा, लेकिन अगर वहां जरूरी जानकारी न मिले तो इंटरनेट पर मौजूद फाइल एक्सटेंशन लाइब्रेरी विजिट कीजिए। http://filext.com, file-extension.com और fileinfo.com तीन बेहतरीन वेबसाइट हैं जहां हजारों किस्म की फाइलों से जुड़ा ब्यौरा मौजूद है।
यूनिवर्सल व्यूअर: अगर किसी फाइल को खोलने की तमाम कोशिश करके थक चुके हैं तो www.uvviewsoft.com पर जाएं। यहां मौजूद यूनिवर्सल व्यूअर सॉफ्टवेयर पचासों किस्म की फाइलों को खोलकर उनके भीतर की सामग्री दिखाने में सक्षम है। इसका फ्री वर्जन भी उपलब्ध है।
यूजफुल टिप्स
किसी खास फोल्डर के भीतर फाइल सर्च : विंडोज विस्टा और विंडोज 7 में किसी खास ड्राइव या फोल्डर के भीतर ही फाइल या फोल्डर ढूंढने के लिए Programs->Accessories->Windows Explorer करें। अब संबंधित ड्राइव या फोल्डर (जिसमें फाइल ढूंढी जानी है) के आइकन पर क्लिक कीजिए। इसके बाद Search में जाएं और फाइल का नाम डालकर सर्च करें।
ट्रू-कॉपी : किसी फाइल की दूसरी कॉपी बनाने के लिए पहले उस फाइल के आइकन को सलेक्ट करें और फिर Control बटन दबाते हुए माउस से फाइल ड्रैग करें। वहीं फाइल की दूसरी कॉपी बन जाएगी।
बदलें फाइलों का डिस्प्ले ऑर्डर : अगर आप किसी फोल्डर या ड्राइव में पड़ी सैकड़ों फाइलों में से कुछ को हमेशा ऊपर देखना चाहते हैं, तो उन्हें रीनेम कर उनके नामों से पहले 0 से लेकर 9 तक अंक जोड़ दें, जैसे 1file.doc, 2file.xls वगैरह। अगर दस से ज्यादा फाइलों को मनपसंद ढंग से ऑर्गनाइज करना है तो अंक से पहले जीरो लगाएं। इस तरह से आप सौ तक फाइलों को सही क्रम दे सकेंगे। फाइलें सौ से भी ज्यादा हैं तो दो जीरो से शुरुआत करें जैसे 001myfile.doc
दर्जनों फाइलों को रीनेम करना : अगर आप किसी फोल्डर में मौजूद दर्जनों या सैकड़ों फाइलों को एक जैसे नाम देना चाहते हैं तो सबसे पहले Windows Explorer में Start>All> Programs->Accessories->Windows Explorer के जरिए जाकर संबंधित फाइलों को एक साथ सलेक्ट करें Control बटन दबाते हुए फाइलों पर क्लिक करते जाएं। अब उन्हें सलेक्ट रखते हुए ही F2 दबाएं। इससे कर्सर किसी एक फाइल का नाम बदलने वाली पोजिशन में आ जाएगा। इस फाइल का नाम बदलकर Enter दबाएं। सभी फाइलों के नाम बदल जाएंगे।
अलग फाइल, अलग सॉफ्टवेयर
हम मुश्किल से एकाध दर्जन किस्म की फाइलों को पहचानते हैं लेकिन असल में फाइलों की हजारों किस्में हैं। कुछ फाइलों में सिर्फ डेटा होता है, जैसे .txt फाइल और कुछ में डेटा के साथ-साथ उसकी फॉरमैटिंग से जुड़ी सूचनाएं भी होती हैं। अगर फाइल किसी खास सॉफ्टवेयर में खुलने वाली है तो इस सॉफ्टवेयर से जुड़ी निजी कमांड्स, एनक्रिप्शन, फीचर्स आदि से जुड़ी जानकारी भी उसके भीतर ही होगी। यही वजह है कि .doc एक्सटेंशन वाली फाइल जहां माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में झट से खुल जाती है, वहीं किसी दूसरे सॉफ्टवेयर में खोलने पर उसका सिर-पैर ही समझ नहीं आता।
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, पावरपॉइंट, पेंटब्रश, वर्ड पैड, नोट पैड आदि ऐसे ही सॉफ्टवेयर हैं। इन सभी सॉफ्टवेयरों को खुद भी फाइलों में ही रखा जाता है। इन्हें एक्जिक्यूटेबल फाइलें (exe) कहा जाता है।
अगर आपने अपने कंप्यूटर पर रखी फाइलों के नामों (जैसे myfile.doc) पर गौर किया हो, तो उनके नाम के बीच में एक बिंदु (डॉट) है। बिंदु से पहले संबंधित फाइल का नाम होता है और उसके बाद सॉफ्टवेयर से संबंधित फाइल एक्सटेंशन। हर सॉफ्टवेयर का अपना फाइल एक्सटेंशन होता है जो उसमें बनने वाली ज्यादातर फाइलों के नामों के अंत में लिखा होता है जैसे माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के लिए doc या docx.
फाइलें कैसी-कैसी
Gif, bmp, jpg, png, psd, tiff, cdr (चित्रों से संबंधित ये फाइलें पेंट ब्रश, फोटोशॉप, कोरल ड्रॉ आदि सॉफ्टवेयरों में खुलती हैं)
txt (नोट पैड या कोई और टेक्स्ट एडिटर)
rtf (वर्ड पैड)
pdf (एक्रोबैट)
htm, html (वेब पेज फाइलें)
asp, jsp, cf, php (वेब स्क्रिप्टिंग)
swf (फ्लैश एनिमेशन)
mdb (एक्सेस डेटाबेस)
xls (एक्सेल)
mpx, wav, midi, rm, wav, au (ऑडियो)
avi, mov, mpeg, wmv (विडियो)
zip, rar, 7zp (कम्प्रेस्ड फाइलें)
mdf (सीक्वल सर्वर)
ora (ओरेकल डेटाबेस)
ttf, otf, pfb, pfm (फॉन्ट फाइलें)
exe, com, bat (एक्जिक्यूटेबल प्रोग्राम फाइलें या सॉफ्टवेयरों के संचालन में इस्तेमाल होने वाली फाइलें)
फाइलों के कायदे
- एक ही नाम वाली दो फाइलें एक जगह नहीं रखी जा सकतीं। ठीक वैसे ही, जैसे एक नाम वाले दो फोल्डर एक साथ नहीं रह सकते।
- किसी फाइल का नाम विशेष अक्षर (प्रश्नवाचक चिन्ह, विस्मयादिबोधक, स्टार आदि) से शुरू नहीं हो सकता।
- फाइल के नाम की शुरुआत डॉट (.) से नहीं हो सकती और न ही अंत।
- फाइल का पूरा पाथ (ड्राइव नाम, फोल्डर नाम और फाइल नाम मिलाकर, जैसे C:\\myfolder\myfile.doc 260 अक्षरों से लंबा नहीं हो सकता।
- यूनिकोड सक्षम ऑपरेटिंग सिस्टमों में अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाओं में भी फाइलों और फोल्डरों के नाम रखे जा सकते हैं।
दो दमदार टूल
फाइल एक्सटेंशन लाइब्रेरी: इंटरनेट खोलते ही आपका पहला विकल्प तो स्वाभाविक रूप से गूगल, बिंग, याहू या कोई दूसरा सर्च इंजन ही होगा, लेकिन अगर वहां जरूरी जानकारी न मिले तो इंटरनेट पर मौजूद फाइल एक्सटेंशन लाइब्रेरी विजिट कीजिए। http://filext.com, file-extension.com और fileinfo.com तीन बेहतरीन वेबसाइट हैं जहां हजारों किस्म की फाइलों से जुड़ा ब्यौरा मौजूद है।
यूनिवर्सल व्यूअर: अगर किसी फाइल को खोलने की तमाम कोशिश करके थक चुके हैं तो www.uvviewsoft.com पर जाएं। यहां मौजूद यूनिवर्सल व्यूअर सॉफ्टवेयर पचासों किस्म की फाइलों को खोलकर उनके भीतर की सामग्री दिखाने में सक्षम है। इसका फ्री वर्जन भी उपलब्ध है।
यूजफुल टिप्स
किसी खास फोल्डर के भीतर फाइल सर्च : विंडोज विस्टा और विंडोज 7 में किसी खास ड्राइव या फोल्डर के भीतर ही फाइल या फोल्डर ढूंढने के लिए Programs->Accessories->Windows Explorer करें। अब संबंधित ड्राइव या फोल्डर (जिसमें फाइल ढूंढी जानी है) के आइकन पर क्लिक कीजिए। इसके बाद Search में जाएं और फाइल का नाम डालकर सर्च करें।
ट्रू-कॉपी : किसी फाइल की दूसरी कॉपी बनाने के लिए पहले उस फाइल के आइकन को सलेक्ट करें और फिर Control बटन दबाते हुए माउस से फाइल ड्रैग करें। वहीं फाइल की दूसरी कॉपी बन जाएगी।
बदलें फाइलों का डिस्प्ले ऑर्डर : अगर आप किसी फोल्डर या ड्राइव में पड़ी सैकड़ों फाइलों में से कुछ को हमेशा ऊपर देखना चाहते हैं, तो उन्हें रीनेम कर उनके नामों से पहले 0 से लेकर 9 तक अंक जोड़ दें, जैसे 1file.doc, 2file.xls वगैरह। अगर दस से ज्यादा फाइलों को मनपसंद ढंग से ऑर्गनाइज करना है तो अंक से पहले जीरो लगाएं। इस तरह से आप सौ तक फाइलों को सही क्रम दे सकेंगे। फाइलें सौ से भी ज्यादा हैं तो दो जीरो से शुरुआत करें जैसे 001myfile.doc
दर्जनों फाइलों को रीनेम करना : अगर आप किसी फोल्डर में मौजूद दर्जनों या सैकड़ों फाइलों को एक जैसे नाम देना चाहते हैं तो सबसे पहले Windows Explorer में Start>All> Programs->Accessories->Windows Explorer के जरिए जाकर संबंधित फाइलों को एक साथ सलेक्ट करें Control बटन दबाते हुए फाइलों पर क्लिक करते जाएं। अब उन्हें सलेक्ट रखते हुए ही F2 दबाएं। इससे कर्सर किसी एक फाइल का नाम बदलने वाली पोजिशन में आ जाएगा। इस फाइल का नाम बदलकर Enter दबाएं। सभी फाइलों के नाम बदल जाएंगे।
उपाय | |
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नुस्खे | |
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हम अक्सर वक्त
काटने के लिए किसी मुफीद जरिए की तलाश करते हैं। ऐसे मौके पर इन वेबसाइट्स
को जरूर आजमाएं, जो आपको कुछ-न-कुछ नया करने का भी मौका देती हैं...
moodstream.gettyimages.com मशहूर इमेज होस्टिंग वेबसाइट gettyimages.com द्वारा पेश किए गए इंटरनेट ठिकाने मूडस्ट्रीम पर म्यूजिक का भंडार है, लेकिन उसे एक अलग और खूबसूरत अंदाज में पेश किया गया है। साइट पर जाकर अपना मूड बताइए - खुश, दुखी, उदास, नाराज, मजाकिया आदि। साइट आपके मूड के हिसाब से वेस्टर्न म्यूजिक बजाना शुरू कर देगी और स्क्रीन पर बैकग्राउंड में उभरती-बदलती आकर्षक तसवीरें भी आपका ध्यान खींचे बिना नहीं रहेंगी। whynot.net हर किस्म के सब्जेक्ट पर आइडिया देने और पाने की दिलचस्प जगह है वायनॉटडॉटनेट। तमाम कैटिगरी में नए-नए काम के और कुछ उल्टे-पुल्टे आइडिया भी यहां मिलेंगे, जिनमें बिज़नस, कंप्यूटर, कार, मोबाइल फोन और यहां तक कि पेट्स से जुड़े आइडिया भी हैं। ये आइडिया आप-हम जैसे आम यूजर ही देते हैं। बानगी देखिए - हवा से चलने वाली कार, हाथों के इशारों से चलने वाला टीवी, एक्सर्साइज से बिजली कैसे पैदा करें वगैरह। अगर आपके पास भी ऐसे फंडू आइडिया हैं तो दूसरों को दीजिए और वाहवाही लूटिए। the99percent.com अगर आप क्रिएटिविटी पसंद करते हैं या कुछ बड़ा करने के लिए इन्स्पिरेशन पाना चाहते हैं तो the99percent.com पर मौजूद ढ़ेर सारे लेखों में कुछ-न-कुछ जरूर आपके काम का मिलेगा। कुछ लेखों के हेडलाइंस पर नजर डालिए - ध्यान से क्रिएटिविटी कैसे बढ़ाएं, कम समय में ज्यादा काम निपटाने के गुर, क्या आपकी कमाई आपकी क्षमता से कम है आदि। साइट के लेख अलग-अलग क्षेत्रों के लिहाज से भी बांटकर पढ़े जा सकते हैं, जैसे लेखन, ग्राफिक डिजाइन और टेक्नॉलजी। इन्हें कुछ इनोवेटिव सेक्शंस में भी बांटा गया है - जैसे कलैबरेशन (तालमेल), सेल्फ मार्केटिंग और जुनून। ffffonund.com यह वेबसाइट एक से बढ़कर एक दिलचस्प तस्वीरों का खजाना है, जो आपको खुश भी करेंगी और हैरत में भी डालेंगी। इन तस्वीरों को आप अपने कंप्यूटर का डेस्कटॉप भी बना सकते हैं। एक से बढ़कर एक रहस्यमय और कलात्मक तस्वीरें, जो आपको मजबूर करेंगी गहराई से गौर करने और कुछ पल के लिए सोचने के लिए। इनमें से बहुत-सी तस्वीरें खींचने या चित्र बनाने वाले कलाकारों की दाद देना चाहेंगे आप। टाइम पास करने के लिए अलग-अलग किस्म की हजारों तस्वीरें हैं ffffonund.com पर। weburbanist.com बेघर लोगों के लिए घर के कुछ आइडिया जैसे अजूबे विषयों पर काम का मटीरियल मुश्किल ही मिलेगा। weburbanist.com पर ऐसे लोगों के लिए 14 स्मार्ट सल्यूशन सुझाए गए हैं। एक सुझाव है - चलती फिरती घर-गाड़ी का, जिसे पॉल एल्किन ने बनाया है। एक और सुझाव है फोल्डिंग पोर्टेबल प्लास्टिक घर, जिसे बैग की तरह साथ लेकर चला जा सकता है। पंप एंड जंप नाम का एक सूटकेस देखिए, जो इतना लंबा हो जाता है कि आप इसमें आराम से लेट सकते हैं। यहां के कई दिलचस्प आर्टिकल आप दूसरों को ईमेल करना चाहेंगे। |
कोलकाता हाईकोर्ट ने
डाउनलोड या स्ट्रीमिंग की सुविधा देने वाली 104 म्यूजिक वेबसाइट्स को
ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं। ऑनलाइन पाइरेसी के खिलाफ इसे एक अच्छा कदम
माना जा रहा है। इसके बाद इंटरनेट से बॉलिवुड फिल्मों का म्यूजिक गैरकानूनी
ढंग से फ्री डाउनलोड करना मुश्किल हो जाएगा। बालेंदु शर्मा दाधीच आपको जानकारी दे रहे हैं ऐसी कुछ खास वेबसाइट्स की, जहां से आप उचित दरों पर बॉलिवुड के गाने डाउनलोड कर सकते हैं:
बॉलिवुड के म्यूजिक की पाइरेसी (गैर-कानूनी रूप से डाउनलोड, कॉपी और बिक्री) से हमारी म्यूजिक इंडस्ट्री को सालाना 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अदालती फैसले के बाद इस मामले में सबसे ज्यादा बदनाम वेबसाइट songs.pk बंद हो गई है। हालांकि वह songspk.pk के नाम से फिर हाजिर हो गई है लेकिन लगता नहीं कि ऐसी वेबसाइट्स बहुत लंबे समय तक अवैध डाउनलोडिंग की सुविधा जारी रख पाएंगी। अगर आप भी म्यूजिक की पाइरेसी को बढ़ावा नहीं देना चाहते और पूरी तरह कानूनी तौर-तरीके से म्यूजिक डाउनलोड करना चाहते हैं तो इंटरनेट पर मौजूद कई अच्छी वेबसाइट्स को आजमा सकते हैं, जो तय कीमत पर गाने डाउनलोड करने की सुविधा देती हैं।
इन म्यूजि़क वेबसाइट्स पर पाबंदी
apunkabollywood.com
bollye&treme.com
bollymaza.com
bollywood-hits.com
desibajao.net/desihits.net
desifunda.net
desisong.net
dhakdhakradio.com
downloadming.com
freeindisongs.com
funmaza.com
karachimag.com
lovepaki.com
mastmag.com
mpxfundoo.com
mpxparadice.com
musicduniya.com
musiqbuzz.com
netmasty.com
parkfellows.com
parktimes.com
playlist.pk
punjabcentral.com
songbo&.pk
songsnonstop.com
songzila.com
topupmpx.com
musicindiaonline.com
bharatlover.com
desimusic.com
deshshock.net
dishant.com
filmicafe.com
filmimusic.com
smashits.com
tamilmaalai.com
tamilwire.com
spicyfm.com
songs.pk
विदेशों में ऑनलाइन संगीत डाउनलोड और ऑर्गनाइज़ करने के लिए ऐपल के आई-ट्यून्स ( apple.com/itunes ) और माइक्रोसॉफ्ट के जून स्टोर ( social.zune.net/music ) जैसे ठिकानों इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन भारत में फिलहाल ये उतने लोकप्रिय नहीं हैं। भारत के लिए इसका अलग स्टोर मौजूद है- apple.com/in/tunes । ऐपल की डिवाइसेज आई-ट्यून्स से आसानी से कनेक्ट हो जाती हैं और म्यूजिक डाउनलोड होने के बाद आपके अकाउंट में उसका ब्यौरा दर्ज हो जाता है। इन्हें आप आगे दोबारा फ्री डाउनलोड कर सकते हैं। अगर आपके पास यह डिवाइस नहीं हैं और आप अपने डेस्कटॉप पर गाने सुनना चाहते हैं तो मैक और पीसी कंप्यूटरों के लिए उपलब्ध एक स्पेशल आई-ट्यून्स सॉफ्टवेयर के जरिए ऐसा कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर ऊपर दिए वेब एड्रेस पर फ्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
इस क्लाउड आधारित स्टोर पर म्यूजिक ( Music>World>Indian>Pop>Artists ) के साथ-साथ कुछ बॉलिवुड फिल्में भी मौजूद हैं। हालांकि हमारे देश में प्रचलित रेट्स के लिहाज से ये डाउनलोड (हर गाना 99 सेंट यानी करीब 45 रुपये और हर फिल्म 9.99 डॉलर यानी करीब 450 रुपये) आपको महंगे लगेंगे।
लीगल म्यूजिक स्ट्रीमिंग साइट्स
google.co.in/music: गूगल ने तीन प्रमुख भारतीय वेबसाइट्स के साथ मिलकर अपनी ऑनलाइन म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस शुरू की है, जिस पर पूरी तरह लीगल म्यूजिक कंटेंट सुना जा सकता है। इसके लिए saavan.com, saregama.com और in.com के साथ कारोबारी तालमेल किया गया है। अगर आप फ्री म्यूजिक सुनना चाहते हैं तो ताजा-तरीन म्यूजिक का आनंद लेने के लिए यह एक बेहतरीन ठिकाना है। हालांकि यहां से आप डाउनलोड नहीं कर पाएंगे।
gaana.com: टाइम्स ग्रुप की यह वेबसाइट अपने बड़े कलेक्शन के लिए जानी जाती है। अगर आप इंटरनेट के जरिए अपने पीसी या टैबलेट पर अच्छी क्वॉलिटी में म्यूजिक स्ट्रीमिंग का आनंद लेना चाहते हैं तो इसे आजमाएं। ताजा रिलीज और लोकप्रिय गानों को वेबसाइट पर अलग से हाईलाइट किया गया है।
कुछ और साइट्स
saavan.com, hungama.com, raaga.com और in.com पर भी लीगल तरीके से म्यूजिक स्ट्रीमिंग का आनंद लिया जा सकता है। स्ट्रीम किया जाने वाला म्यूजिक एक खास टूल में चलाया जाता है, जिसे डाउनलोड या सेव नहीं किया जा सकता, बशर्ते किसी खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल न किया जाए। याद रखें, स्ट्रीमिंग साइट्स ऐसे म्यूजिक को सिर्फ सुनने का अधिकार देती हैं, सेव करने का नहीं। ऐसा करना पाइरेसी में गिना जाएगा।
flipkart.com
इस ऑनलाइन स्टोर की एमपी 3 म्यूजिक डाउनलोड सर्विस( flipkart.com/mpx-downloads) से ताजातरीन फिल्मी म्यूजिक डाउनलोड कर सकते हैं। पुरानी और कम लोकप्रिय फिल्मों के गानों का ऐल्बम यहां 15 रुपये में मिल जाता है। नई और लोकप्रिय फिल्मों के ऐल्बम के लिए 150 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं। फिल्म की पूरी सीडी या डीवीडी भी 100 से 400 रुपये तक में फ्लिपकार्ट ( flipkart.com/music) से खरीदी जा सकती है।
raaga.com
रागा पर मौजूद ज्यादातर म्यूजिक ट्रैक 12 रुपये की दर से डाउनलोड किए जा सकते हैं। वेबसाइट की म्यूजिक वॉल के जरिए नए-नए ट्रैक्स के बारे में सूचनाएं मिलती रहती हैं। हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगू, पंजाबी समेत करीब एक दर्जन भाषाओं में गाने यहां मिलेंगे। खरीदकर डाउनलोड करने के लिए raaga.com/chandels/hindi/downloads पर जाएं।
hungama.com
इस वेबसाइट पर 10 रुपये हर ट्रैक के रेट से कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर सस्ता म्यूजिक डाउनलोड किया जा सकता है। अगर इसके वैल्यू पैक को भी आजमा सकते हैं, जिसके तहत 20 रुपये में चार ट्रैक उपलब्ध हैं। एक बार वैल्यू पैक लेने के बाद आप जब भी चाहें, अपनी पसंद और सहूलियत के हिसाब से गाने डाउनलोड कर सकते हैं। आपका पैक तब तक एक्टिव रहेगा, जब तक कि चार डाउनलोड्स का कोटा पूरा न हो जाए।
URL: hungama.com/music
बॉलिवुड के म्यूजिक की पाइरेसी (गैर-कानूनी रूप से डाउनलोड, कॉपी और बिक्री) से हमारी म्यूजिक इंडस्ट्री को सालाना 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अदालती फैसले के बाद इस मामले में सबसे ज्यादा बदनाम वेबसाइट songs.pk बंद हो गई है। हालांकि वह songspk.pk के नाम से फिर हाजिर हो गई है लेकिन लगता नहीं कि ऐसी वेबसाइट्स बहुत लंबे समय तक अवैध डाउनलोडिंग की सुविधा जारी रख पाएंगी। अगर आप भी म्यूजिक की पाइरेसी को बढ़ावा नहीं देना चाहते और पूरी तरह कानूनी तौर-तरीके से म्यूजिक डाउनलोड करना चाहते हैं तो इंटरनेट पर मौजूद कई अच्छी वेबसाइट्स को आजमा सकते हैं, जो तय कीमत पर गाने डाउनलोड करने की सुविधा देती हैं।
इन म्यूजि़क वेबसाइट्स पर पाबंदी
apunkabollywood.com
bollye&treme.com
bollymaza.com
bollywood-hits.com
desibajao.net/desihits.net
desifunda.net
desisong.net
dhakdhakradio.com
downloadming.com
freeindisongs.com
funmaza.com
karachimag.com
lovepaki.com
mastmag.com
mpxfundoo.com
mpxparadice.com
musicduniya.com
musiqbuzz.com
netmasty.com
parkfellows.com
parktimes.com
playlist.pk
punjabcentral.com
songbo&.pk
songsnonstop.com
songzila.com
topupmpx.com
musicindiaonline.com
bharatlover.com
desimusic.com
deshshock.net
dishant.com
filmicafe.com
filmimusic.com
smashits.com
tamilmaalai.com
tamilwire.com
spicyfm.com
songs.pk
विदेशों में ऑनलाइन संगीत डाउनलोड और ऑर्गनाइज़ करने के लिए ऐपल के आई-ट्यून्स ( apple.com/itunes ) और माइक्रोसॉफ्ट के जून स्टोर ( social.zune.net/music ) जैसे ठिकानों इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन भारत में फिलहाल ये उतने लोकप्रिय नहीं हैं। भारत के लिए इसका अलग स्टोर मौजूद है- apple.com/in/tunes । ऐपल की डिवाइसेज आई-ट्यून्स से आसानी से कनेक्ट हो जाती हैं और म्यूजिक डाउनलोड होने के बाद आपके अकाउंट में उसका ब्यौरा दर्ज हो जाता है। इन्हें आप आगे दोबारा फ्री डाउनलोड कर सकते हैं। अगर आपके पास यह डिवाइस नहीं हैं और आप अपने डेस्कटॉप पर गाने सुनना चाहते हैं तो मैक और पीसी कंप्यूटरों के लिए उपलब्ध एक स्पेशल आई-ट्यून्स सॉफ्टवेयर के जरिए ऐसा कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर ऊपर दिए वेब एड्रेस पर फ्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
इस क्लाउड आधारित स्टोर पर म्यूजिक ( Music>World>Indian>Pop>Artists ) के साथ-साथ कुछ बॉलिवुड फिल्में भी मौजूद हैं। हालांकि हमारे देश में प्रचलित रेट्स के लिहाज से ये डाउनलोड (हर गाना 99 सेंट यानी करीब 45 रुपये और हर फिल्म 9.99 डॉलर यानी करीब 450 रुपये) आपको महंगे लगेंगे।
लीगल म्यूजिक स्ट्रीमिंग साइट्स
google.co.in/music: गूगल ने तीन प्रमुख भारतीय वेबसाइट्स के साथ मिलकर अपनी ऑनलाइन म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस शुरू की है, जिस पर पूरी तरह लीगल म्यूजिक कंटेंट सुना जा सकता है। इसके लिए saavan.com, saregama.com और in.com के साथ कारोबारी तालमेल किया गया है। अगर आप फ्री म्यूजिक सुनना चाहते हैं तो ताजा-तरीन म्यूजिक का आनंद लेने के लिए यह एक बेहतरीन ठिकाना है। हालांकि यहां से आप डाउनलोड नहीं कर पाएंगे।
gaana.com: टाइम्स ग्रुप की यह वेबसाइट अपने बड़े कलेक्शन के लिए जानी जाती है। अगर आप इंटरनेट के जरिए अपने पीसी या टैबलेट पर अच्छी क्वॉलिटी में म्यूजिक स्ट्रीमिंग का आनंद लेना चाहते हैं तो इसे आजमाएं। ताजा रिलीज और लोकप्रिय गानों को वेबसाइट पर अलग से हाईलाइट किया गया है।
कुछ और साइट्स
saavan.com, hungama.com, raaga.com और in.com पर भी लीगल तरीके से म्यूजिक स्ट्रीमिंग का आनंद लिया जा सकता है। स्ट्रीम किया जाने वाला म्यूजिक एक खास टूल में चलाया जाता है, जिसे डाउनलोड या सेव नहीं किया जा सकता, बशर्ते किसी खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल न किया जाए। याद रखें, स्ट्रीमिंग साइट्स ऐसे म्यूजिक को सिर्फ सुनने का अधिकार देती हैं, सेव करने का नहीं। ऐसा करना पाइरेसी में गिना जाएगा।
flipkart.com
इस ऑनलाइन स्टोर की एमपी 3 म्यूजिक डाउनलोड सर्विस( flipkart.com/mpx-downloads) से ताजातरीन फिल्मी म्यूजिक डाउनलोड कर सकते हैं। पुरानी और कम लोकप्रिय फिल्मों के गानों का ऐल्बम यहां 15 रुपये में मिल जाता है। नई और लोकप्रिय फिल्मों के ऐल्बम के लिए 150 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं। फिल्म की पूरी सीडी या डीवीडी भी 100 से 400 रुपये तक में फ्लिपकार्ट ( flipkart.com/music) से खरीदी जा सकती है।
raaga.com
रागा पर मौजूद ज्यादातर म्यूजिक ट्रैक 12 रुपये की दर से डाउनलोड किए जा सकते हैं। वेबसाइट की म्यूजिक वॉल के जरिए नए-नए ट्रैक्स के बारे में सूचनाएं मिलती रहती हैं। हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगू, पंजाबी समेत करीब एक दर्जन भाषाओं में गाने यहां मिलेंगे। खरीदकर डाउनलोड करने के लिए raaga.com/chandels/hindi/downloads पर जाएं।
hungama.com
इस वेबसाइट पर 10 रुपये हर ट्रैक के रेट से कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर सस्ता म्यूजिक डाउनलोड किया जा सकता है। अगर इसके वैल्यू पैक को भी आजमा सकते हैं, जिसके तहत 20 रुपये में चार ट्रैक उपलब्ध हैं। एक बार वैल्यू पैक लेने के बाद आप जब भी चाहें, अपनी पसंद और सहूलियत के हिसाब से गाने डाउनलोड कर सकते हैं। आपका पैक तब तक एक्टिव रहेगा, जब तक कि चार डाउनलोड्स का कोटा पूरा न हो जाए।
URL: hungama.com/music
Saturday, 24 March 2012
उपाय | |
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नुस्खे | |
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Tuesday, 20 March 2012
उपाय | |
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नुस्खे | |
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Sunday, 18 March 2012
अगर आप आम
सर्च इंजनों पर किसी ताजा घटना के बारे में जानकारी ढूंढना चाहेंगे तो
शायद आपको निराशा ही हाथ लगे। ऐसी सर्च की जरूरत पड़ती ही रहती है। जैसे
किसी शहर में ट्रेन एक्सिडेंट होने पर या भूकंप आने पर आप अपने रिश्तेदारों
की सलामती के लिए तुरत-फुरत वहां की जानकारी या तस्वीरें ढूंढना चाहें।
लेकिन ज्यादातर सर्च इंजनों पर कुछ दिन या कुछ घंटे पहले तक की ही सूचनाएं
ही मिलती हैं। अच्छी बात है कि इधर कुछ रियलटाइम सर्च इंजनों के आने से
हालात बदल रहे हैं।
rediff.com
रीडिफ रियलटाइम न्यूज सर्च इंजन भारत और दुनिया के दूसरे देशों में ठीक इस वक्त घटित हो रही घटनाओं को ढूंढ निकालता है। इसके लिए वह दुनिया भर की करीब 30 हजार न्यूज साइटों को खंगालता है। रीडिफ का करीब डेढ़ करोड़ फोटो का इंडेक्स भी है, जो इसकी इमेज सर्च में जान डाल देता है। यहां गूगल की ही तरह सर्च एज यू टाइप तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, यानी आपके टाइप करते समय ही सर्च इंजन रियल टाइम न्यूज की खोज शुरू कर देता है और टाइपिंग बंद होते-होते कुछ ही मिलीसेकंड में नतीजे हाजिर। यह सर्च के लिए कीवर्ड भी सुझाता है।
bing.com/social
सोशल साइट ट्विटर के साथ डील होने के कारण माइक्रोसॉफ्ट का बिंग रियलटाइम सोशल सर्च के मामले में बहुत लोकप्रिय है। आपके कीवर्ड से जुड़े एकदम ताजा-ताजा ट्विटर अपडेट्स सर्च रिजल्ट्स के रूप में दिखाए जाते हैं और आज के सबसे अहम मुद्दों को हॉटेस्ट सोशल टॉपिक्स के रूप में अलग से हाईलाइट किया जाता है। आप चाहें तो अपने सर्च रिजल्ट्स को पिछले 1 घंटे, 1 दिन और 1 हफ्ते के तौर पर बांटकर देख सकते हैं। दुनिया के किस इलाके में कौन-से टॉपिक पर ज्यादा ट्वीट किए जा रहे हैं, यह जानना हो तो बिंग ट्विटर मैप्स को आजमाकर देखें।
twazzup.com
ट्वाज़अप रियलटाइम सर्च के दायरे में खबरों के साथ-साथ ट्विटर पर डाले जाने वाले पोस्ट खास हैं। आपके सर्च कीवर्ड से जुड़े ट्विटर अपडेट्स स्क्रीन पर राइट साइड में एक-एक कर तेजी से उभरने लगते हैं, जो रियलटाइम का फील देता है। यह सर्च इंजन सैकड़ों कम्यूनिटी वेबसाइटों, सोशल नेटवर्किंग साइटों और विडियो शेयरिंग साइटों की भी खोज करता है। आपकी सर्च से जुड़े कुछ दूसरे कीवर्ड भी सुझाए जाते हैं।
topsy.com
टॉप्सी पर देखने, पढ़ने और सुनने का तमाम मटीरियल रियलटाइम सर्च के तहत उपलब्ध है। दुनिया भर में फैली लाखों खबरों, पोडकास्टिंग, विडियो और इमेज सोर्सों को दनादन इंडेक्स करते हुए यह कुछ उसी अंदाज में रियलटाइम सर्च रिजल्ट दिखाता है, जैसे टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज आती है। सर्च नतीजों को पिछले 1 घंटे, पिछले 10 घंटे, पिछले 1 दिन, पिछले हफ्ते वगैरह के हिसाब से बांटा जा सकता है। यह 10 भाषाओं (हिंदी नहीं) में उपलब्ध है और गूगल प्लस के ताजातरीन अपडेट्स भी अपने सर्च नतीजों में शामिल करता है।
tweetmeme.com
इस रियलटाइम सर्च इंजन के सर्च रिजल्ट्स ट्विटर पर डाली जाने वाली ट्वीट्स पर आधारित हैं। अगर आप किसी खास कीवर्ड पर ताजातरीन ट्विटर कॉमेंट खोजना चाहते हैं या फिर मनोरंजन, तकनीक, लाइफस्टाइल जैसी अलग-अलग कैटेगरी में ट्विटर की सामग्री को बांटकर पढ़ना चाहते हैं तो ट्वीटमेमे को आजमाएं। ट्विटर पर चल रहे ट्रेंड्स को भांपने में माहिर यह सर्च इंजन सोशल सर्च के मामले में काफी लोकप्रिय है। अगर आपको सिर्फ न्यूज खोजनी है तो किसी भी कैटिगरी में जाने के बाद दिखने वाले न्यूज लिंक का इस्तेमाल करें
rediff.com
रीडिफ रियलटाइम न्यूज सर्च इंजन भारत और दुनिया के दूसरे देशों में ठीक इस वक्त घटित हो रही घटनाओं को ढूंढ निकालता है। इसके लिए वह दुनिया भर की करीब 30 हजार न्यूज साइटों को खंगालता है। रीडिफ का करीब डेढ़ करोड़ फोटो का इंडेक्स भी है, जो इसकी इमेज सर्च में जान डाल देता है। यहां गूगल की ही तरह सर्च एज यू टाइप तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, यानी आपके टाइप करते समय ही सर्च इंजन रियल टाइम न्यूज की खोज शुरू कर देता है और टाइपिंग बंद होते-होते कुछ ही मिलीसेकंड में नतीजे हाजिर। यह सर्च के लिए कीवर्ड भी सुझाता है।
bing.com/social
सोशल साइट ट्विटर के साथ डील होने के कारण माइक्रोसॉफ्ट का बिंग रियलटाइम सोशल सर्च के मामले में बहुत लोकप्रिय है। आपके कीवर्ड से जुड़े एकदम ताजा-ताजा ट्विटर अपडेट्स सर्च रिजल्ट्स के रूप में दिखाए जाते हैं और आज के सबसे अहम मुद्दों को हॉटेस्ट सोशल टॉपिक्स के रूप में अलग से हाईलाइट किया जाता है। आप चाहें तो अपने सर्च रिजल्ट्स को पिछले 1 घंटे, 1 दिन और 1 हफ्ते के तौर पर बांटकर देख सकते हैं। दुनिया के किस इलाके में कौन-से टॉपिक पर ज्यादा ट्वीट किए जा रहे हैं, यह जानना हो तो बिंग ट्विटर मैप्स को आजमाकर देखें।
twazzup.com
ट्वाज़अप रियलटाइम सर्च के दायरे में खबरों के साथ-साथ ट्विटर पर डाले जाने वाले पोस्ट खास हैं। आपके सर्च कीवर्ड से जुड़े ट्विटर अपडेट्स स्क्रीन पर राइट साइड में एक-एक कर तेजी से उभरने लगते हैं, जो रियलटाइम का फील देता है। यह सर्च इंजन सैकड़ों कम्यूनिटी वेबसाइटों, सोशल नेटवर्किंग साइटों और विडियो शेयरिंग साइटों की भी खोज करता है। आपकी सर्च से जुड़े कुछ दूसरे कीवर्ड भी सुझाए जाते हैं।
topsy.com
टॉप्सी पर देखने, पढ़ने और सुनने का तमाम मटीरियल रियलटाइम सर्च के तहत उपलब्ध है। दुनिया भर में फैली लाखों खबरों, पोडकास्टिंग, विडियो और इमेज सोर्सों को दनादन इंडेक्स करते हुए यह कुछ उसी अंदाज में रियलटाइम सर्च रिजल्ट दिखाता है, जैसे टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज आती है। सर्च नतीजों को पिछले 1 घंटे, पिछले 10 घंटे, पिछले 1 दिन, पिछले हफ्ते वगैरह के हिसाब से बांटा जा सकता है। यह 10 भाषाओं (हिंदी नहीं) में उपलब्ध है और गूगल प्लस के ताजातरीन अपडेट्स भी अपने सर्च नतीजों में शामिल करता है।
tweetmeme.com
इस रियलटाइम सर्च इंजन के सर्च रिजल्ट्स ट्विटर पर डाली जाने वाली ट्वीट्स पर आधारित हैं। अगर आप किसी खास कीवर्ड पर ताजातरीन ट्विटर कॉमेंट खोजना चाहते हैं या फिर मनोरंजन, तकनीक, लाइफस्टाइल जैसी अलग-अलग कैटेगरी में ट्विटर की सामग्री को बांटकर पढ़ना चाहते हैं तो ट्वीटमेमे को आजमाएं। ट्विटर पर चल रहे ट्रेंड्स को भांपने में माहिर यह सर्च इंजन सोशल सर्च के मामले में काफी लोकप्रिय है। अगर आपको सिर्फ न्यूज खोजनी है तो किसी भी कैटिगरी में जाने के बाद दिखने वाले न्यूज लिंक का इस्तेमाल करें
Friday, 16 March 2012
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Wednesday, 14 March 2012
खाज-खुजली
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Tuesday, 13 March 2012
ऐपल का नया आई पैड आ गया
है, कुछ लोगों का अनुमान था कि इसे आईपैड 3 का नाम दिया जाएगा, तो कुछ
आईपैड एचडी नाम का कयास लगा रहे थे, लेकिन इसके उलट ऐपल ने इसे बस न्यू
आईपैड ही कहा। इस नए आई पैड के आने के बाद आईपैड 2 के दाम भारत में ही
5,000 रुपये तक कम हो गए हैं और नया आईपैड पुराने दामों पर ही मिलेगा। पहली
लिस्ट में मार्च के अंत तक जिन 35 देशों में नया आई पैड पहुंचने की बात
कही गई है, उनमें भारत का नाम नहीं है लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि
दूसरी लिस्ट के साथ यह मई तक हमारे देश के बाजारों में आ सकता है। जानते
हैं कि न्यू आई पैड में क्या है खास :
रेटिना डिस्प्ले: न्यू आईपैड में जो सबसे बड़ा फर्क है वह इसे देखते ही नजर आता है। इसकी स्क्रीन का डिस्प्ले पहले से बहुत बेहतर किया गया है। रेटिना डिस्प्ले मतलब इसकी स्क्रीन की क्वॉलिटी वैसे ही जैसे आंख के रेटिना पर बनती है। आप करीब से जाकर भी देखेंगे तो तस्वीर के पिक्सल अलग-अलग नहीं दिखेंगे, एकदम असली जैसी तस्वीर। इसे आई पैड का किलर फीचर माना जा रहा है। ज्यादा शार्प टेक्स्ट, ज्यादा ब्राइट पिक्चर। 9.7 इंच की स्क्रीन पर 2048 गुणा 1536 पिक्सल की स्क्रीन है, यानी इतनी सी स्क्रीन पर 31 लाख पिक्सल मिलकर इमेज बनाएंगे। यह आई पैड 2 के मुकाबले चार गुना ज्यादा और एचडीटीवी से कई गुना बेहतर है। एचडीटीवी में आपको 1920 गुणा 1080 पिक्सल की इमेज मिलती है। गेमिंग, विडियो, ई-बुक में तो यह लोगों का दिल जीत लेगा।
सुपर फास्ट स्पीड: आई पैड-1 हो या आई पैड-2, इसकी फास्ट स्पीड ने अपनी टक्कर की बाकी सभी टैबलेट्स को पछाड़ दिया था। लेकिन इस बार तो एपल ने और भी फास्ट प्रोसेसर ए-5एक्स क्वाड कोर से आई पैड को लैस किया है। यानी जब आप इस पर स्पीड और एक्शन वाले फास्ट गेम खेल रहे होंगे तो विडियो रफ्तार के साथ कहीं अटकेगा नहीं। सर्फिंग, मल्टीटास्किंग और कई एप्स के इस्तेमाल में भी आपको स्मूद फंक्शन मिलेगा।
बेहतर कैमरा: आई पैड 2 में ऐपल ने दो कैमरे दिए थे, जिनकी मदद से आप विडियो चैट भी कर सकते हैं। लेकिन तब उन्होंने नहीं बताया था यह कितने मेगापिक्सल का कैमरा है। अपने टेस्ट में हमने पाया कि इसकी तस्वीर सूरज की रोशनी में तो अच्छी थीं लेकिन कम लाइट में तस्वीर फटने लगती है। इस बार ऐपल ने 5 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया है, जिसकी तस्वीर आई पैड 2 के मुकाबले काफी बेहतर होंगी। बात सिर्फ मेगापिक्सल की नहीं है, अडवांस्ड सेंसर की मदद से यह रोशनी का लेवल पता लगा लेता है, हाइब्रिड इन्फ्रारेड फिल्टर, फाइव एलिमेंट लेंस और ऑटो फोकस और फेस डिटेक्शन जैसे फीचर भी हैं। आई पैड 2 के मुकाबले विडियो रिकॉर्डिंग को भी काफी एचडी किया गया है, स्टेबलाइजर की मदद से तस्वीर हिलती हुई नहीं आती है।
दमदार बैटरी : न्यू आई पैड में फास्ट स्पीड और बेहतर स्क्रीन होने के बावजूद 10 घंटे की बैटरी लाइफ दी जा रही है। आई पैड 2 की बैटरी लाइफ भी 10 घंटे की थी जो इसका बड़ा प्लस पॉइंट थी। हालांकि कुछ रिपोर्ट आई हैं जिनके मुताबिक न्यू आई पैड की बैटरी आई पैड 2 के मुकाबले 70 फीसदी ज्यादा दमदार है।
और भी हैं फीचर : न्यू आई पैड को आप पर्सनल हॉट स्पॉट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। एक साथ पांच डिवाइसेज को इससे कनेक्ट किया जा सकता है। इसे 4 जी कनेक्टिविटी से लैस किया गया है , हालांकि भारत में अभी 4 जी नहीं आई है लेकिन इस साल के अंत तक आने की उम्मीद की जा रही है ।
रेटिना डिस्प्ले: न्यू आईपैड में जो सबसे बड़ा फर्क है वह इसे देखते ही नजर आता है। इसकी स्क्रीन का डिस्प्ले पहले से बहुत बेहतर किया गया है। रेटिना डिस्प्ले मतलब इसकी स्क्रीन की क्वॉलिटी वैसे ही जैसे आंख के रेटिना पर बनती है। आप करीब से जाकर भी देखेंगे तो तस्वीर के पिक्सल अलग-अलग नहीं दिखेंगे, एकदम असली जैसी तस्वीर। इसे आई पैड का किलर फीचर माना जा रहा है। ज्यादा शार्प टेक्स्ट, ज्यादा ब्राइट पिक्चर। 9.7 इंच की स्क्रीन पर 2048 गुणा 1536 पिक्सल की स्क्रीन है, यानी इतनी सी स्क्रीन पर 31 लाख पिक्सल मिलकर इमेज बनाएंगे। यह आई पैड 2 के मुकाबले चार गुना ज्यादा और एचडीटीवी से कई गुना बेहतर है। एचडीटीवी में आपको 1920 गुणा 1080 पिक्सल की इमेज मिलती है। गेमिंग, विडियो, ई-बुक में तो यह लोगों का दिल जीत लेगा।
सुपर फास्ट स्पीड: आई पैड-1 हो या आई पैड-2, इसकी फास्ट स्पीड ने अपनी टक्कर की बाकी सभी टैबलेट्स को पछाड़ दिया था। लेकिन इस बार तो एपल ने और भी फास्ट प्रोसेसर ए-5एक्स क्वाड कोर से आई पैड को लैस किया है। यानी जब आप इस पर स्पीड और एक्शन वाले फास्ट गेम खेल रहे होंगे तो विडियो रफ्तार के साथ कहीं अटकेगा नहीं। सर्फिंग, मल्टीटास्किंग और कई एप्स के इस्तेमाल में भी आपको स्मूद फंक्शन मिलेगा।
बेहतर कैमरा: आई पैड 2 में ऐपल ने दो कैमरे दिए थे, जिनकी मदद से आप विडियो चैट भी कर सकते हैं। लेकिन तब उन्होंने नहीं बताया था यह कितने मेगापिक्सल का कैमरा है। अपने टेस्ट में हमने पाया कि इसकी तस्वीर सूरज की रोशनी में तो अच्छी थीं लेकिन कम लाइट में तस्वीर फटने लगती है। इस बार ऐपल ने 5 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया है, जिसकी तस्वीर आई पैड 2 के मुकाबले काफी बेहतर होंगी। बात सिर्फ मेगापिक्सल की नहीं है, अडवांस्ड सेंसर की मदद से यह रोशनी का लेवल पता लगा लेता है, हाइब्रिड इन्फ्रारेड फिल्टर, फाइव एलिमेंट लेंस और ऑटो फोकस और फेस डिटेक्शन जैसे फीचर भी हैं। आई पैड 2 के मुकाबले विडियो रिकॉर्डिंग को भी काफी एचडी किया गया है, स्टेबलाइजर की मदद से तस्वीर हिलती हुई नहीं आती है।
दमदार बैटरी : न्यू आई पैड में फास्ट स्पीड और बेहतर स्क्रीन होने के बावजूद 10 घंटे की बैटरी लाइफ दी जा रही है। आई पैड 2 की बैटरी लाइफ भी 10 घंटे की थी जो इसका बड़ा प्लस पॉइंट थी। हालांकि कुछ रिपोर्ट आई हैं जिनके मुताबिक न्यू आई पैड की बैटरी आई पैड 2 के मुकाबले 70 फीसदी ज्यादा दमदार है।
और भी हैं फीचर : न्यू आई पैड को आप पर्सनल हॉट स्पॉट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। एक साथ पांच डिवाइसेज को इससे कनेक्ट किया जा सकता है। इसे 4 जी कनेक्टिविटी से लैस किया गया है , हालांकि भारत में अभी 4 जी नहीं आई है लेकिन इस साल के अंत तक आने की उम्मीद की जा रही है ।
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